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Computer network क्या होता है - Computer network के प्रकार

हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में आपको बताएंगे, आज के हमारे इस आर्टिकल का टाइटल computer network in hindi है।

इस आर्टिकल मे  हम आपको कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में पूरी इंफॉर्मेशन को डिटेल्स में बताएंगे। इस आर्टिकल के अंदर हम आपको कंप्यूटर नेटवर्क की परिभाषा, कंप्यूटर नेटवर्क की शुरुआत कब हुई थी, कंप्यूटर नेटवर्क के अवयव तथा कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार के बारे में आपको बताएंगे।

 यदि आपको कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।


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Computer Network in Hindi :- 

कंप्यूटर नेटवर्क को हम एक प्रकार की डाटा संचरण व्यवस्था कह सकते है जिसमें ट्रांसमीटर एवं रिसीवर की भूमिकाओं में कंप्यूटर एवं उससे जुड़ी युक्तियां जैसे टर्मिनल प्रिंटर आदि होती है। आज के समय में कंप्यूटर नेटवर्क डाटा के संचरण का सबसे लोकप्रिय एवं सबसे ज्यादा यूज होने वाला माध्यम बन गया है जिसके द्वारा हम सभी लोग डाटा का विभिन्न तरीकों से जैसे - चैटिंग, ईमेल, वीडियो conferencing, डाउनलोडिंग तथा एफटीपी (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल) आदि तकनीकों द्वारा सेकंडो में संचरण कर सकते हैं।



कम्प्यूटर नेटवर्क की शुरुआत :-

सर्वप्रथम IBM  कंपनी ने 1960 के दशक में एक नेटवर्क SNA (system network architecture)  का निर्माण किया जिसके द्वारा उस कंपनी ने अपने कंप्यूटर और उनकी संसाधन युक्तियों के मध्य एक लिंक स्थापित किया, किंतु SNA network IBM  का व्यक्तिगत नेटवर्क था जिसे मात्र उसी कंपनी द्वारा प्रयोग में लाया जाता था।  बाद में बहुत से कंपनियों ने अपने लिए इंटरनेट स्थापित कर लिए, जो मात्र उन्हीं कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा उपयोग में लाए जाते थे। 

इसी प्रकार से कंपनियों में कंप्यूटर और उनके संसाधनों जैसे प्रिंटर भंडारण स्थान का साझा प्रयोग होने लगा और उनके मध्य डाटा इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से संचरित होने लगा,  जिससे समय, पैसा और स्थान की बहुत बचत होने लगी। 

इसके बाद बहुत से ऐसे नेटवर्क व्यवस्थाओं का निर्माण किया गया जो सार्वजनिक थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माननीय प्रोटोकॉल या यू कहे तो नियमों पर आधारित थी जिसका use कोई भी कंपनी या प्रयोगकर्ता कर सकता था। 


कम्प्यूटर नेटवर्क की परिभाषा :- 

 कंप्यूटर नेटवर्क एक ऐसी डाटा संचरण व्यवस्था है जो समान प्रकार के अथवा विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर तथा उनसे जुड़े उपकरणों को आपस में किसी ना किसी संचार माध्यम से इस प्रकार से जोड़ती है कि वह दोनों एक-दूसरे से संपर्क स्थापित कर सकें तथा किसी भी प्रकार का डाटा चाहे वह चित्र में हो, आवाज में हो या चलचित्र मे हो का आदान-प्रदान कर सकें। 

अर्थात :-

कंप्यूटर नेटवर्क एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसके माध्यम से आपस में जुड़े दो या दो से अधिक सिस्टमों पर किसी डाटा का संचरण बहुत आसानी से किया जा सकता है, इसमें डाटा संचरण के लिए एक-दूसरे से जुड़े दोनों डिवाइसों के मध्य की दूरी चाहे जितनी हो सकती है। 

कम्प्यूटर नेटवर्क के अवयव :-

कंप्यूटर नेटवर्क के निम्नलिखित अवयव होते हैं -


Server (सर्वर) :- 

Computer नेटवर्क की ऐसी नोड जो अन्य प्रकार की नोड को किसी न किसी प्रकार की कोई इनफार्मेशन प्रदान करती है, सर्वर कहलाती है।


Client (क्लाइंट) :- 

कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े ऐसे कंप्यूटर जो सरवर कंप्यूटर से किसी न किसी प्रकार की सुविधा प्राप्त करते है, क्लाइंट कहलाते है। जैसे - हमारे घर का कंप्यूटर, internet पर website देखने वाला व्यक्ति। 


Hub (हब) :-

Network की शक्तिशाली मुख्य नोड को हब कहते है। हब बहुत से नेटवर्क नोड को आपस मे एक संचार लाइनों द्वारा जोड़ता है।


Network cable :- 

जिन केबलों के द्वारा नेटवर्क के कंप्यूटर आपस में जोड़े जाते हैं उन्हें हम नेटवर्क केबल करते हैं। 


Rauter :- 

कंप्यूटर नेटवर्क में एक नोड से दूसरे नोड तक डाटा को पहुंचानें के बहुत से मार्ग हो सकते है, "राउटर" डाटा के संचरण के लिए मार्ग का निर्धारण करता है।



Types of network (नेटवर्क के प्रकार) :-

सभी प्रकार के नेटवर्कों का अपना प्रसार क्षेत्र होता है, जो अलग अलग होता है। कुछ नेटवर्क सीमित क्षेत्रों तक ही डाटा संचरण कर सकते हैं तथा कुछ नेटवर्क पूरे विश्व भर के कंप्यूटरों तक डाटा संचरण की सुविधाएं प्रदान करते हैं। 

इन्हीं प्रसार क्षेत्र के आधार पर नेटवर्क को तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है यह श्रेणियां  निम्नलिखित हैं। 

  1. LAN
  1. MAN
  1. WAN


1. LAN (Local Area Network) :- 

LAN का पूरा नाम local area network होता है।LAN नेटवर्क के द्वारा हम सैकड़ों नोड को एक नेटवर्क से जोड़ सकते हैं और उनके मध्य डाटा का संचरण कर सकते है। इनका कार्य क्षेत्र सीमित होता है।

LAN 1 मील तक ही डाटा का संचरण कर सकते हैं। LAN का use छोटे  क्षेत्रों जैसे कार्यालय, कंपनी, विश्वविद्यालय,  बैंक और अपनी बिल्डिंग मे कर सकते है।

LAN की डाटा संचरण कि स्पीड गति लगभग 10 mbps से 1 gbps तक होती है।


LAN की  विशेषताएं :- 

  • इसमें डाटा संचरण की गति बहुत तेज होती है।
  • इसमें डाटा संचरण के लिए टेलीफोन लाइनों की अपेक्षा फाइबर ऑप्टिक्स का प्रयोग किया जाता है, फाइबर ऑप्टिक्स अत्यधिक तेज गति से डाटा संचरित करता है। 
  • इसका प्रसार क्षेत्र छोटा होता है तथा या कंपनी का अपना नेटवर्क होता है इसलिए इस पर आने वाला खर्च अन्य नेटवर्क की अपेक्षा बहुत कम होता है। 
  • इसमें डाटा के चोरी होने का डर भी नहीं होता है। 
  • इसकी  देखरेख करना तथा उसे व्यवस्थित रखना सरल होता है क्योंकि गलती अपने क्षेत्र में होती है कोई गलती होने पर उसे खोजना और ठीक करना अत्यंत सरल होता है। 



2. MAN (Metropolitan Area Network) :-

MAN का  पूरा नाम Metropolitan Area Network होता है।  इसका प्रसार क्षेत्र LAN के मुकाबले अधिक होता है। इसमें कोएक्सियल केबल या फिर माइक्रोवेव सर्किट द्वारा प्रसारण किया जा सकता है,  केबल टीवी प्रसारण इसी नेटवर्क का एक उदाहरण है। 

यह एक  शहर में स्थित एक संस्थान की अनेक शाखाओं को मैन नेटवर्क के माध्यम से यह जोड़ा जा सकता है। 


MAN की  विशेषताएं :- 

  • किसकी डाटा संचरण की गति तेरे नेटवर्क की अपेक्षा कम होती है। 
  •  इसमें LAN की अपेक्षा अधिक खर्च आता है।
  • इस  नेटवर्क में प्लेन की  अपेक्षा अधिक नोड को जोड़ा जा सकता है। 
  •   बड़े क्षेत्र में फैला होने के कारण इस नेटवर्क की देखभाल करना और उसे व्यवस्थित करना प्लेन की अपेक्षा जटिल होता है। 


3. WAN (Wide Area Network) :- 

इसका पूरा नाम Wide Area Network होता है।  इसका प्रसार क्षेत्र बहुत बड़ा होता है इसकी प्रसारण सीमा किसी एक शहर से लेकर पूरे विश्व तक होती है। internet, wide area network का ही एक उदाहरण है जिसमे पुरे विश्व भर के कम्प्यूटर आपस में जुड़े रहते है। WAN  के डाटा संचरण की गति 1200 BPS से लेकर 2MBPS तक होती है।


WAN की  विशेषताएं एवं कमियां :-

  •  इस नेटवर्क का प्रसार क्षेत्र बहुत बड़ा होता है, इस नेटवर्क के द्वारा पूरे विश्व भर में कहीं पर भी डाटा का संचरण किया जा सकता है।
  • इस नेटवर्क का प्रसार क्षेत्र अधिक होने की वजह से इसकी देखरेख करना जटिल  होता है। 
  •   इस नेटवर्क में डाटा की चोरी होने की संभावनाएं बहुत अधिक होती है। 
  •  इस प्रकार के नेटवर्क की स्थापना करने में बहुत अधिक खर्च आता है। 


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आज आपने क्या सीखा :-

आज के इस आर्टिकल में हमने computer नेटवर्क के बारे में आपको बताया है और उम्मीद करता हुं आपको जरूर पसंद आया होगा और आपको समझ में आया होगा, इस आर्टिकल में हमने computer network की परिभाषा, इसके प्रकार तथा इसकी शुरुआत के बारे में आपको बताया है। 

उम्मीद करता हूं दोस्तों हमारा यह आर्टिकल computer network in hindi  आपको जरूर पसंद आया होगा इस आर्टिकल को पढ़कर आपको जरूर  बहुत कुछ सीखने को मिला होगा दोस्तों इस आर्टिकल को लेकर अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और दोस्तों यदि आपको किसी टॉपिक पर आर्टिकल लिखवाना है तो हमें नीचे कमेंट करके वह भी बताएं मैं आपके लिए कुछ टॉपिक पर आर्टिकल जरूर लिखूंगा.

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